tag:blogger.com,1999:blog-6717807846001515667.post9193047515752847414..comments2023-07-10T19:58:24.261+05:30Comments on शेष है अवशेष: सूरज और मैंशैलप्रियाhttp://www.blogger.com/profile/02923965968716034946noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6717807846001515667.post-44129545787471074712009-01-23T19:01:00.000+05:302009-01-23T19:01:00.000+05:30शब्द नहीं हैं अभार जताने के लिए...आपने इतने बेहतरी...शब्द नहीं हैं अभार जताने के लिए...आपने इतने बेहतरीन ब्लाग से रुबरु होने के मौका दियासुबोधhttps://www.blogger.com/profile/10810549312103326878noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6717807846001515667.post-86980528323513185832009-01-22T12:41:00.000+05:302009-01-22T12:41:00.000+05:30समयकितना परिवर्तनशील है,यह जाना था तुमसे,कि तुम्हे...समय<BR/>कितना परिवर्तनशील है,<BR/>यह जाना था तुमसे,<BR/>कि तुम्हें किया था प्यार<BR/>दहकते उजालों से भरपूर।<BR/><BR/>पूरी कविता बहुत सुंदर है यह पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगी ..और भी इस संकलन से कविता पढ़वाते रहे ..इसको यहाँ देने का शुक्रियारंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.com